सोच रहा हूँ बहुत दिनों से ,
एक गर्लफ्रेंड बना लूं .
वाट पहले से ही लगी पड़ी है ,
थोड़ी और लगवा लूं .
पैसे खर्च करने पड़ेंगे धो-धो के,
ये तो बहुत हद तक पता है .
मगर कुछ पाने के लिए ,
बहुत कुछ खोना भी तो पड़ता है .
दिन रात फ़ोन मेरा कुछ इस तरह चिल्लाएगा ,
के खुद ही के फ़ोन से डर लगने लग जाएगा.
उसकी चांय चांय काँय काँय से ,
जो बिल* अभी देश के विकास की तरह मद्ध्म है
वही बोल्ट** की स्पीड से मैराथन दौड़ लगाएगा .
लेकिन ये भी है , वो दिमाग चाटेगी ,
तो भेजा रिफ्रेश हो जाएगा .
जब उसी की सुनने से फुर्सत ना मिलेगी ,
तो कोई और क्या सुनाएगा !
टेंशन जिंदगी में पहले से बहुत हैं ,
उसके आ जाने से और बढ़ ही जायेंगी.
लेकिन कम से कम इस बोरिंग जिंदगी में
वो कुछ डिसट्रेक्शन तो लाएगी .
"सही है भाई , दोस्ती सही तूने निभाली.
साले! हम घास छीलते हैं तो भी तुझे बता कर ,
और तूने बिना बताये , बंदी पटा ली ,
चल कोई नहीं ये बता , अब पार्टी देगा कहाँ पर ,
और कमीने हमें 'भाभी' से कब मिलवाएगा ?"
कुछ इस तरह दोस्तों में अपना भी रौब बढ़ जाएगा .
तो अब सोच ही लिया है ,
एक गर्लफ्रेंड बना ही ली जाए .
अगर खुदखुशी करनी ही है ,
तो खुद ही की ख़ुशी से क्यों ना की जाए ?
*बिल : फोन का बिल, ना की पार्लियामेंट वाला बिल
**बोल्ट : उसेन बोल्ट
एक गर्लफ्रेंड बना लूं .
वाट पहले से ही लगी पड़ी है ,
थोड़ी और लगवा लूं .
पैसे खर्च करने पड़ेंगे धो-धो के,
ये तो बहुत हद तक पता है .
मगर कुछ पाने के लिए ,
बहुत कुछ खोना भी तो पड़ता है .
के खुद ही के फ़ोन से डर लगने लग जाएगा.
उसकी चांय चांय काँय काँय से ,
जो बिल* अभी देश के विकास की तरह मद्ध्म है
वही बोल्ट** की स्पीड से मैराथन दौड़ लगाएगा .
लेकिन ये भी है , वो दिमाग चाटेगी ,
तो भेजा रिफ्रेश हो जाएगा .
जब उसी की सुनने से फुर्सत ना मिलेगी ,
तो कोई और क्या सुनाएगा !
टेंशन जिंदगी में पहले से बहुत हैं ,
उसके आ जाने से और बढ़ ही जायेंगी.
लेकिन कम से कम इस बोरिंग जिंदगी में
वो कुछ डिसट्रेक्शन तो लाएगी .
"सही है भाई , दोस्ती सही तूने निभाली.
साले! हम घास छीलते हैं तो भी तुझे बता कर ,
और तूने बिना बताये , बंदी पटा ली ,
चल कोई नहीं ये बता , अब पार्टी देगा कहाँ पर ,
और कमीने हमें 'भाभी' से कब मिलवाएगा ?"
कुछ इस तरह दोस्तों में अपना भी रौब बढ़ जाएगा .
तो अब सोच ही लिया है ,
एक गर्लफ्रेंड बना ही ली जाए .
अगर खुदखुशी करनी ही है ,
तो खुद ही की ख़ुशी से क्यों ना की जाए ?
*बिल : फोन का बिल, ना की पार्लियामेंट वाला बिल
**बोल्ट : उसेन बोल्ट
hahaha!! bahot hi jyada badhiya! In my eyes this is your best kavita so far I tell you. Its awesome!
ReplyDeleteHaha, thanks bro! Don't take it personally though :D
ReplyDeletehmm...great nice flow...
ReplyDeletetwo lines from me also..
tamanna kai warso se meri bhi yahi hai....
par kya karu sali koi patati hi nahi hai..........
Waah, waah. Bohot hi ucch vichaar hain!
DeleteBhai aapne to apni lines se meri kavita ki shobha hi badha di. :D
Bohot bohot shukriya! :)
Hhmm...mujhe pata hai yeh girlfriend banane ka interest aapko kisse laga :P
ReplyDeleteRefreshing to read a contrasting view on the most-talked-about subject, which I had written the same day...lol!
You have no idea, under how much pressure I am to make a girlfriend :P
DeleteIt's like if I don't have a girl friend, I am not good enough to live in this society :D
Well yes of course, I was also pretty amused by reading something that was poles apart from what I wrote, just after posting mine :D
http://theimpulsivemind.blogspot.com/2012/01/come-backno-more.html